श्री तुळजाभवानी Image

श्री तुळजाभवानी अष्टक

झालों जानकिच्याविणें थकीत मी आरण्य कंठावया कौसल्येपरि धांवुनी आलिस या रामासी भेटावया हा-हा काय! अजी, जगात जननी त्वां धन्य केले मला माझा हा प्रणिपात आई तुळजाबाई, तुकाई तुला कौसल्येहूनि कैकयी जननीचा आभार हा केवढा झाला दर्शनलाभ निश्चय जिच्या कोपामुळे एवढा केलें सत्य तिनें कृतार्थ मजला या दाविले पाउला माझा हा Read more…

गजर मुक्तीसंग्रामाचा!

नसते संभाजीनगर देशात, लाहोरची हळहळ लातूरसाठी असती जशी बलोचची हिंगलाज माता आज नशिबी नाही तशीच नशिबी रेणुकाई अन् तुळजाभवानीही नसती जरी आहे अमरनाथ काश्मीरच्या बर्फाळ डोंगरामध्ये घृष्णेवर, नागनाथ अन् वैजनाथाच्या कळसावर कुऱ्हाड चालली असती असता भारताच्या पोटात दक्षिण पाकिस्तान जर आमच्या आज्या पणज्याने नसता वाहिला या मराठवाड्यासाठी प्राण त्या वेरूळ Read more…

रिकामी वही!

रिकामी वही!

आताशा सुचत नाही काही आताशा सुचत नाही काही कवितांविना रिकामी राहून जाते वही कल्पनेला शब्दमूर्त भाव येण्यासाठी मनाच्या वाळवंटात गाव येण्यासाठी कथा एखादी मनातल्या मनात दडून राही कवितांविना रिकामी राहून जाते वही तडफ, आग अन् प्रेमातील तमाम साऱ्या गोष्टी लिहिण्यासाठी जगाव्या लागतात जळी पाषाणी काष्ठी मन सोबतीचा असा काही शोध Read more…

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गाज़ी शहरे इश्क़ के!

उसकी कोहनी से पकड़कर यूँ नजाकत से खींच लेता पास, तो पूछता, क्या है ज़्यादा खूबसूरत, उसकी आँखें या उनमें डूबने का खयाल? पलके झुकाकर जो वो बिना लफ़्ज़ों के कहदे बहुत कुछ; बता देता हूँ पूरी कायनात की औकात नहीं उन आँखों के झील में समाने की! कुछ गम Read more…

जयोस्तुते – हिंदी अनुवाद

वीर सावरकरजी की सबसे बढ़िया और दिल को छू लेने वाली मराठी कविता जयोस्तुते का हिंदी अनुवाद करने का ये प्रयास. सारे मूल अधिकार स्वर्गीय वीर सावरकरजी के पास रहें, उनको वन्दनस्वरूप मेरी तरफ से ये भेंट हमारे हिंदी वाचकों के लिए. ।।जयोस्तुते, जयोस्तुते श्री महन्मंगले शिवास्पदे शुभदे स्वतंत्रते भगवती Read more…

दर्द

दर्द ये नहीं कि हम साथ नहीं है,

दर्द है आपकी आंखों में दर्द के ना होने का;

दर्द ये भी नहीं के हमने पाया नहीं आपको,

चलो मान लिया..!

पता आपको भी है वादा किसने तोड़ा था,

हमसे बेवफाई कर किसी और से रिश्ता जोड़ा था…

कहें थे हम बताइये क्या हमसे अच्छा कोई है..?

जो है तो फिर जाइये खुशहाल, रहे खाली हमारा झोला,

पूरी आजादी के बावजूद भी आप ने झूठ बोला….

हम भी जान गए आपने रुखसत का है ठान लिया…;

कसम वालिदा की खाई आपने, चलो मान लिया…!

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हां मैं भी हूँ और मेरा अस्तित्व भी है..!

सालों साल सबसे अलग और अकेला रहता आया हूँ

दोस्तियाँ और मोहब्बतें बस दूर से देखता आया हूँ

अकेले ही अकेले चलते चलते गिरते संभलते बढ़ रहा हूँ

जो आज जमाना कैद हुआ तो धाएँ धाएँ रो रहा है

लगता है तन्हाइयों का मैंने पाया स्वामित्व है

हां मैं भी हूँ और मेरा अस्तित्व है!

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