Literature Poems
डंके की चोट पर कहेंगे वीर सावरकर!
जो किसीपर गोरे साहब अपनी औरतें लुटाने तक मेहरबान थे, उन्हीकी अदालत में वीर सावरकर सबसे खतरनाक गुनाहगार थे! अरे जहाँ कुछ लोग कारावास के नाम पे महलों में फल थे खा रहे, कालापानी में दस साल कोल्हू थे सावरकर चला रहे! पेंशन और माफीनामे की बातें ऐसे करते हो, Read more…