Short Stories
नाक के नीचे से: भाग 2
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से सुबह के छह बजे बिना चाय पानी पिये भी क्या मुलाकात करनी थी कि गृह सचिव इतनी जल्दी में थे? बात ही ऐसी थी. दरअसल तिवारी जी खुद मराठी थे.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से सुबह के छह बजे बिना चाय पानी पिये भी क्या मुलाकात करनी थी कि गृह सचिव इतनी जल्दी में थे? बात ही ऐसी थी. दरअसल तिवारी जी खुद मराठी थे.
तिवारी साहब केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुख्य सचिव थे. देश की अंदरूनी सुरक्षा की और कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी का बड़ा बोझ वो बखूबी निभाना जानते थे. देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैस्वाल जी के काफी करीबी दोस्त माने जाते थे. आज उन्हें एक बेहद जरूरी सिलसिले के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से मिलना था.
सालों साल सबसे अलग और अकेला रहता आया हूँ
दोस्तियाँ और मोहब्बतें बस दूर से देखता आया हूँ
अकेले ही अकेले चलते चलते गिरते संभलते बढ़ रहा हूँ
जो आज जमाना कैद हुआ तो धाएँ धाएँ रो रहा है
लगता है तन्हाइयों का मैंने पाया स्वामित्व है
हां मैं भी हूँ और मेरा अस्तित्व है!
(more…)खुद ही चलकर, खुद ही गिरकर उठके फिर से चलना जो हमें आता है; लाख उठे तूफान फिर भी, दीये की तरह जलना जो हमें आता है; ये आज की तो बात नहीं है! रूह के कतरे मेरे बिखर बिखर कर जुड़े थे, सारे गम जाने कितने दिन खामोश पड़े Read more…
कहदो जो एक बार तुम बस पलके झुकाकर, तुम्हारी जुल्फों की छांव में एक पल बिता सकूँ; खामोश हो लब्ज, नजरें बयाँ करे, के तुम्हारी आँखों मे डूबकर मिलेगा सुकून..! के मेरी उँगलियाँ ले नाप तुम्हारे गालों पर, चढ़ती हुई उस लाली का; के मेरे सब्र का फल वही है, Read more…
—-Disclaimer :- This story is a complete fiction. The reference of the TV Show Game of Thrones and the Novel Series ‘A Song of Ice and Fire’ is just to increase the thrill of the story. The story is written by me and all rights are reserved—- The usual routine Read more…