नाक के नीचे से – अंतिम भाग! (भाग 3)

दरअसल अग्रवाल जी ने ये कहा, “देश के अंदर असल में तो ब्यूरोक्रेसी ही राज करती है, ये बात आप भी बखूबी जानते है. हम ब्यूरोक्रेट्स इन सारे नेताओं से ज्यादा पढ़े लिखे हैं और जनता की भलाई करना जानते भी है. इसीलिए लंबे अरसे से सिस्टीम के अंदर सिंडिकेट बनाये रखे लेकिन मजबूत सरकार के सामने हमारा कुछ नहीं चलता. ऐसेमें हमारी जिम्मेदारी बनती है की देश का लोकतंत्र बचाये”

नाक के नीचे से: भाग 2

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से सुबह के छह बजे बिना चाय पानी पिये भी क्या मुलाकात करनी थी कि गृह सचिव इतनी जल्दी में थे? बात ही ऐसी थी. दरअसल तिवारी जी खुद मराठी थे.

नाक के नीचे से – भाग 1

तिवारी साहब केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुख्य सचिव थे. देश की अंदरूनी सुरक्षा की और कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी का बड़ा बोझ वो बखूबी निभाना जानते थे. देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैस्वाल जी के काफी करीबी दोस्त माने जाते थे. आज उन्हें एक बेहद जरूरी सिलसिले के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से मिलना था.