Literature Poems
तितली
ऐ तितली, क्या तुम्हे पता हैं
की तुम्हारे इन पंखों के फड़फड़ाने आते है चक्रवात
शांति से चल रही वो नौका
समंदर की लहरों में भूचाल कराएगी
ऐ तितली, क्या तुम्हे पता हैं
की तुम्हारे इन पंखों के फड़फड़ाने आते है चक्रवात
शांति से चल रही वो नौका
समंदर की लहरों में भूचाल कराएगी
उसकी कोहनी से पकड़कर यूँ नजाकत से खींच लेता पास, तो पूछता, क्या है ज़्यादा खूबसूरत, उसकी आँखें या उनमें डूबने का खयाल? पलके झुकाकर जो वो बिना लफ़्ज़ों के कहदे बहुत कुछ; बता देता हूँ पूरी कायनात की औकात नहीं उन आँखों के झील में समाने की! कुछ गम Read more…
” Synopsis: We all have been so involved with our lives that while walking on the it’s way we make so many mistakes but we don’t have learn lessons from them and still go on those paths even after knowing the bitter end (bad result, failure) of the path.. Even Read more…
पता आपको भी है वादा किसने तोड़ा था,
हमसे बेवफाई कर किसी और से रिश्ता जोड़ा था…
कहें थे हम बताइये क्या हमसे अच्छा कोई है..?
जो है तो फिर जाइये खुशहाल, रहे खाली हमारा झोला,
पूरी आजादी के बावजूद भी आप ने झूठ बोला….
हम भी जान गए आपने रुखसत का है ठान लिया…;
कसम वालिदा की खाई आपने, चलो मान लिया…!
(more…)सालों साल सबसे अलग और अकेला रहता आया हूँ
दोस्तियाँ और मोहब्बतें बस दूर से देखता आया हूँ
अकेले ही अकेले चलते चलते गिरते संभलते बढ़ रहा हूँ
जो आज जमाना कैद हुआ तो धाएँ धाएँ रो रहा है
लगता है तन्हाइयों का मैंने पाया स्वामित्व है
हां मैं भी हूँ और मेरा अस्तित्व है!
(more…)कहदो जो एक बार तुम बस पलके झुकाकर, तुम्हारी जुल्फों की छांव में एक पल बिता सकूँ; खामोश हो लब्ज, नजरें बयाँ करे, के तुम्हारी आँखों मे डूबकर मिलेगा सुकून..! के मेरी उँगलियाँ ले नाप तुम्हारे गालों पर, चढ़ती हुई उस लाली का; के मेरे सब्र का फल वही है, Read more…